70+ Unbelievable Informatioin & Facts About Skin in Hindi

Skin Facts in Hindi - दोस्तों आज हम अपने शरीर के एक अहम अंग के बारे में जानेंगे। वो है हमारी त्वचा, सभी को अपनी त्वचा से प्यार होता है। इसके लिए हम क्या-क्या नहीं करते। पर आज हम आपको त्वचा से जुड़ी जो बातें बताने जा रहे है वो शायद ही कभी आपने सुनी होगी। त्वचा (Skin) आमतौर पर नरम, लचीले बाहरी ऊतक (Tissue) की परत होती है, जो कशेरुक जानवर के शरीर को कवर करती है, इसके तीन मुख्य कार्य होते है: सुरक्षा, विनियमन और संवेदना।
सभी स्तनधारियों की त्वचा पर कुछ बाल होते है, यहां तक कि समुद्री स्तनधारियों जैसे व्हेल, डॉल्फ़िन, और पोर्पोज़ाइज़ में भी बाल रहित दिखाई देते है। त्वचा पर्यावरण के साथ हस्तक्षेप करती है और बाहरी कारकों से बचाव की पहली पंक्ति है। उदाहरण के लिए, त्वचा रोगजनकों और अत्यधिक पानी के नुकसान से शरीर की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
एक जीव पर त्वचा की मोटाई भी हर स्थान से भिन्न होती है। उदाहरण के लिए मनुष्यों में, आंखों के नीचे और पलकों के नीचे स्थित त्वचा शरीर में सबसे पतली त्वचा है। हथेलियों और पैरों के तलवों पर त्वचा मोटी और शरीर पर सबसे मोटी त्वचा होती है। एस्ट्रोजेन के रिसेप्शन द्वारा त्वचा में घाव भरने की गति और गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जाता है। तो चलिए अब हम आपको त्वचा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और बातें (Facts & Information About Skin) बताते है।


त्वचा के बारे में रोचक तथ्य - Skin in Hindi

  • त्वचा (Skin) मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग है।
  • त्वचा का वैज्ञानिक नाम Cutaneous Membrane है।
  • इंसानों समेत हर जीव की त्वचा पर बाल होते है, Whales और Dolphins के भी।
  • सेब का तेल त्वचा के लिए बहुत ही लाभदायक है, यह स्किन पर पड़ी झुर्रियां, टूटी त्वचा, खुजली और सूजन को दूर करता है।
  • ‘चिंता’ करने से ना सिर्फ चेहरे पर मुहांसे निकलते है, बल्कि आपकी त्वचा भी पतली होती है और आप जल्दी बूढ़े हो जाते हो। इसलिए चिंता कम किया करो।
  • मेलेनिन के दो अलग-अलग प्रकार है – यूमेलानिन (Eumelanin) और फोमेलैनिन (Pheomelanin)। यूमेलानिन का रंग काला या गहरा भूरा होता है और फोमेलानिन लाल या पीले रंग का होता है।
  • कभी-कभी ऐसी मेडिकल कंडीशन भी होती है, जिसमें व्यक्ति में मेलानोसाइट्स (melanocytes) नहीं पाया जाता। इसे ऐल्बिनिज़म (albinsim) कहा जाता है। 110,000 में से केवल 1 व्यक्ति ही ऐल्बिनिज़म (albinsim) से पीड़ित होता है।
  • मानव शरीर की खाल को किसी समतल स्थान पर फैलाने पर वह 20 वर्ग फीट तक फ़ैल जायेगी। एक स्थान पर इकठ्ठा कर वजन करने पर उसका वजन 9 किलो होगा।
  • मानव त्वचा पर दिखने वाले हर बाल एक छोटी मांसपेशी से जुड़े रहते है। इस मांसपेशी को पिली (pili) कहा जाता है। उत्तेजना के समय या ठंड लगने पर पिली बालों को खड़ा कर देता है, जिसे आमतौर पर goose bump कहते है।
  • त्वचा की कुछ नसें मस्तिष्क के बजाय मांसपेशियों से जुड़ी होती है, जो गर्मी, दर्द आदि पर तेज़ी से प्रतिक्रिया करने के लिए रीढ़ की हड्डी के माध्यम से सिग्नल भेजती है।

Information About Skin in Hindi

  • गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाने पर त्वचा ख़ुद को ठीक करने के लिए scar tissue का निर्माण करती है, जो सामान्य skin tissue से भिन्न होता है क्योंकि उसमें बाल और पसीने की ग्रंथियों नहीं होती।
  • दिल के काम करना बंद कर देने पर त्वचा का रंग सफ़ेद या बैगनी हो जाता है।
  • त्वचा ठंड और गर्मी का पता लगाकर शरीर के तापमान को विनियमित करने में सहायता करती है।
  • तीन महीने के गर्भधारण तक भ्रूण की उँगलियों की त्वचा में फिंगर-प्रिंट विकसित नहीं होते।
  • स्थायी स्किन टोन को विकसित करने में शिशुओं को 6 महीने तक का समय लगता है।
  • गर्म मौसम में त्वचा की पसीने की ग्रंथियां एक दिन में 3 गैलन तक पसीना पैदा कर सकती है।
  • स्किन शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने में मदद करती है। जब शरीर का तापमान बढ़ जाता है, तब स्किन में मौजूद स्वेट ग्लैंड्स एक्टिव हो जाते है, जिससे तापमान सामान्य हो जाता है।
  • त्वचा आपको आपकी सेहत का राज़ भी बताती है। जी हां, त्वचा में होनेवाले बदलाव, जैसे- खाज-खुजली, फोड़े-फुंसी और चकत्ते आपको एलर्जिक रिएक्शन, बैक्टिरियल स्किन इंफेक्शन, वायरल इंफेक्शन या फिर ऑटो इम्यून डिसीज़ के बारे में आगाह करती है।
  • मानव त्वचा के वर्णक मेलानिन (Melanin Pigment) द्वारा यह तय होता है कि त्वचा का रंग काला होगा या गोरा। त्वचा के गहरे रंग का अर्थ है कि त्वचा में मेलेनिन की मात्रा अधिक है। हलके रंग की त्वचा का अर्थ है कि हल्की त्वचा में मेलानिन की मात्रा कम है।
  • मेलेनिन का निर्माण और वितरण tentacle-shaped cells द्वारा किया जाता है, जिसे मेलानोसाइट्स (melanocytes) कहा जाता है। मेलानोसाइट्स की संख्या सभी मनुष्यों में समान होती है। लेकिन इन कोशिकाओं द्वारा उत्पादित मेलेनिन की मात्रा भिन्न-भिन्न होती है।
  • हमारे शरीर की सबसे पतली चमड़ी/त्वचा आँखों की होती है (0.2 से 0.5 mm तक) और सबसे मोटी चमड़ी/त्वचा तलवों की होती है (1.4 mm तक)।
  • लिपिड (lipids) नामक एक विशेष प्रकार के प्राकृतिक वसा (natural fat) के कारण त्वचा की बाहरी परत स्वस्थ और नम रहती है। शराब और डिटर्जेंट लिपिड को नष्ट करते है।
  • त्वचा के स्पर्श रिसेप्टर्स, जिसे मीस्नर कॉर्पससेल (Meissner corpuscels) कहा जाता है, बहुत संवेदनशील होते है। जीभ, होंठ, हथेलियों, उंगलियों, लिंग और निपल्स के स्पर्श रिसेप्टर्स सबसे ज्यादा संवेदनशील होते है, जहाँ 20 मिलीग्राम के मामूली दबाव पर ही वे तेज़ी से प्रतिक्रिया करते है।

Tvacha Ke Bare Mein Jankari

  • यदि त्वचा के किसी स्थान पर बार-बार दबाव या रगड़ पड़े, तो वह उस स्थान पर मोटी और कठोर हो जाती है, जिसे callus कहते है।
  • त्वचा में स्वयं को नवीनीकृत करने की क्षमता होती है। यह 28 दिन में 1 बार नवीनीकृत होती है।
  • 100 में से 1 व्यस्क पुरूष और 20 में से 1 वयस्क महिला मुँहासे से पीड़ित होती है। हर पाँच में से चार किशोर किसी न किसी रूप में मुंहासों से पीड़ित होते है।
  • मानव त्वचा लगभग 1000 से अधिक बैक्टीरिया प्रजातियों का घर है।
  • पैर की उंगलियों के बीच की त्वचा पर लगभग 14 विभिन्न कवक प्रजातियां (fungi species) पाए जाते है।
  • त्वचा के फोड़े (skin boils) स्टेफिलोकोकल बैक्टीरिया (Staphylococcal bacteria) के कारण होते है। यह बैक्टीरिया बहुत छोटे कटों के माध्यम से त्वचा में प्रवेश करता है और रोम छिद्रों (त्वचा की दूसरी परत) के नीचे जाता है। परिणामस्वरूप फोड़े हो जाते है।
  • ऑइल, डेड स्किन और बैक्टीरिया के कारण त्वचा के रोम-छिद्र बंद हो जाने के कारण मुँहासे (Pimple) होते है। हर रोम-छिद्र follicle से जुड़ा होता है, जो बाल और sebaceous (oil) gland से बना होता है। ऑइल ग्लैंड sebum oil स्त्रावित करता है, जो बालों और रोम छिद्रों से होता हुआ त्वचा में पहुँचता है। sebum त्वचा को चिकना और कोमल बनाता है। जब ज्यादा ऑइल उत्पन्न होता है या रोम छिद्र पर डेड स्किन सेल्स जमा हो जाती है या रोम छिद्र पर बैक्टीरिया आ जाते है, तो मुँहासे (Acne) होने लगते है।
  • मुँह के भीतर की त्वचा और महिलाओं की योनी की त्वचा एक ही कोशिका की बनी होती है।
  • खतना करवाने वाले युवा लड़के की 1 वर्ग इंच की चमड़ी से प्रयोगशाला में 4 एकड़ त्वचा के ऊतकों को विकसित किया जा सकता है।
  • Vitamin C, सूर्य से आने वाली अल्ट्रावाॅयलेट किरणों से बचाव करता है, यह संतरे, सेब आदि में पाया जाता है।
  • Soda, आपको समय से पहले बूढ़ा बनाता है, क्योंकि इसमें ज्यादा मात्रा में phosphates पाया जाता है।
  • 25 साल की उम्र होने के बाद त्वचा में झुर्रियाँ पड़नी शुरू होती है। इसमे ग्रेविटी का बहुत बड़ा हाथ है।
  • बूढ़े लोगो में से स्मेल आने का कारण 2-nonenal नाम का केमिकल होता है, बूढ़े लोग इसे त्वचा के माध्यम से छोड़ते रहते है।

Facts About Skin in Hindi

  • ऑयली स्किनवाले भले ही टीनएज में मुंहासों से परेशान रहते है, पर उन्हें यह जानकर ख़ुशी होगी कि ड्राई स्किनवालों के मुक़ाबले उनकी स्किन की एजिंग प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे बढ़ती उम्र की रेखाएं उनमें जल्दी नज़र नहीं आतीं।
  • शरीर के वजन में से 15% वजन त्वचा का होता है।
  • त्वचा तीन अलग-अलग परतों से बनी होती है। सबसे बाहरी परत एपिडर्मिस (epidermis), मध्य परत डर्मिस (dermis) और आंतरिक परत को कैक्टेरिस (subcutis) कहलाती है।
  • त्वचा कोशिकाओं (skin cells) को ऑक्सीजन और रक्त पहुँचाने के लिए 11 मील रक्त वाहिकाएं पूरे त्वचा में फ़ैली हुई है।
  • एक वर्ष में मानव की 9 पाउंड मृत त्वचा कोशिकायें (Dead skin cells) झड़ जाती है।
  • घर में पाई जाने वाली कुल धूल में से आधी वास्तव में झड़ी हुई मृत त्वचा कोशिकाओं से बनी होती है।
  • मानव की मृत त्वचा कोशिकाएं (Dead skin cells) पृथ्वी के वायुमंडल में पाई जाने वाली कुल धूल का 1 बिलियन टन बनाती है।
  • शरीर के जिन हिस्सों में पसीना नहीं आता, वे है : नाखून और होंठों के किनारे, लिंग का ऊपरी भाग और कान का पर्दा।
  • शरीर की गंध एपोक्राइन स्वेद ग्रंथियों (apocrine sweat glands) द्वारा उत्पन्न वसायुक्त स्राव (fatty secretion) के कारण आती है, जो बगल, जननांगों और गुदा के आसपास उत्पन्न होता है। त्वचा पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया उन वसायुक्त यौगिकों को खाते और पचाते है, जो गंध उत्पन्न होने का कारण है।
  • त्वचा के प्रत्येक इंच की अपनी खिंचाव और ताकत होती है, जो त्वचा की स्थिति के अनुसार होती है। पेट की त्वचा की ताकत और लोच में टखने की त्वचा से एकदम भिन्न होती है।
  • मानव त्वचा (Human Skin) सबसे ज्यादा सूअर की त्वचा से मिलती है।
  • 20,000 से 50,000 वर्ष पहले से त्वचा का रंग गोरा होना शुरू हुआ, उसके पहले त्वचा का रंग काला होता था।
  • त्वचा में परिवर्तन स्वास्थ्य में परिवर्तन का संकेत होता है।
  • रोज़ाना 10 से अधिक सिगरेट पीने वाले व्यक्ति के माथे पर गहरी लाइनें पड़ने लगती है।
  • पेट के बल सोने पर माथे और साइड फेस करके सोने पर ठोड़ी और गलों पर झुर्रियां पड़ती है।
  • बच्चे की त्वचा का असली रंग उसके जन्म के छः महीने बाद पता चलता है।
  • गर्मियों के मौसम में एक सामान्य व्यक्ति के शरीर से तीन गैलन तक पसीना निकलता है। दरअसल, इस दौरान त्वचा में मौजूद स्वेट ग्लैंड्स अधिक एक्टिव हो जाते है।
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