110+ Amazing Facts About Camel in Hindi

Facts About Camel in Hindi - दोस्तों आज हम ऊंट से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानेंगे। आप सभी ने ऊंट तो देखा ही होगा। जिसे हम बचपन से रेगिस्तान के जहाज के नाम से जानते है। पर यह नाम इसे ऐसे ही नहीं मिला, यह नाम इसे रेगिस्तान में तेज़ गति से चलने और कई दिनों तक पानी के बिना जीवित रहने के कारण मिला है। ऊंट की पीठ पर एक "कूबड़" होता है जिस में यह पानी और ऊर्जा को स्टोर करके रखता है। ऊंट लंबे समय तक पालतू रहे हैं और, पशुधन के रूप में, वे भोजन (दूध और मांस) और वस्त्र (फाइबर और बालों से महसूस) प्रदान करते है। ऊंट रेगिस्तान में यात्रियों और कार्गो के लिए परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन है। ऊँट की तीन जीवित प्रजातियाँ हैं। एक कूबड़ वाले ऊंट दुनिया की ऊंट आबादी का 94% हिस्सा बनाता है और दो कूबड़ वाला बैक्ट्रियन ऊंट 6% बनता है। जंगली बैक्ट्रियन ऊंट एक अलग प्रजाति है और अब गंभीर रूप से लुप्तप्राय है। तो चलिए अब हम आपको ऊंट से जुड़े कुछ रोचक तथ्य और बातें (Facts & Information About Camel 🐫) बताते है।

Amazing Facts About Camel in Hindi

ऊंट के बारे में रोचक तथ्य - Camel in Hindi

  • सर्दियों में भी, रेगिस्तान में ऊँट दिखते है।
  • Camel या ‘ऊँट’ एक अरबी शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ है – ‘सुंदरता’।
  • इंसान ऊँट को एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए इस्तेमाल करते है।
  • बहुत साल पहले, लोग ऊँट के युरिन को चिकित्सक कारणों के लिए पीते थे।
  • ऊँट एक शाकाहारी जानवर है। वह किसी भी प्रकार का मांस नहीं खाता है।
  • ऊँट को रेगिस्तान का जहाज़ कहा जाता है।
  • मनुष्यों सहित अधिकांश स्तनधारी 15% पानी की कमी होने पर निर्जलित हो जाते है। लेकिन ऊँट में यह प्रतिशत 25% है। इसका अर्थ यह हुआ है कि वे पानी के बिना बहुत लंबे समय तक जी सकते है।
  • ऊँट बिना भोजन या पानी के बिना 6 माह तक जीवित रह सकते है। यह क्षमता सहारा रेगिस्तान में सर्दियों के दौरान विशेष है। हालांकि गर्मी के महिने, जब तापमान 110°F या 37°C से ऊपर हो जाता है, ऊँट अपने खराब हाइड्रेटेड स्टैमिना के साथ बिना पानी के केवल 5 दिनों तक रह सकते है।
  • ऊँट के पानी की मात्रा दिन-प्रतिदिन के आधार पर बहुत भिन्न हो सकती है, क्योंकि वे केवल उतना ही पानी पीते है, जितने की उनमें कमी होती है। एक प्यासा ऊँट एक बार में 135 लीटर तक पानी पी सकता है।
  • अरब संस्कृति में 160 से अधिक ऐसे शब्द है, जिनका अर्थ ‘ऊँट’ है।
  • ऊँट की आँखों में 3 पलकें (eyelids) होती है। दो पलकों में eye-lashes होती है, जो रेगिस्तान की धूल से आँखों का बचाव करती है। तीसरी पलक बहुत पतली होती है, जो windshield wiper की तरह आँखों को साफ़ करने का काम करती है।
  • ऊँट के कान छोटे और बालों वाले होते है। लेकिन उनकी सुनने की क्षमता अच्छी होती है।
  • ऊँट का मूत्र काफ़ी गाढ़ा होता है क्योंकि ये अत्यधिक पानी नहीं निकालते।
  • ऊँट का मल काफ़ी कड़ा होता है। इतना कि ईंधन के रूप में इस्तेमाल करते समय उसे सुखाने की आवश्यकता नहीं होती।
  • 7 साल के होने पर नर ऊँट पूरी तरह से परिपक्व हो जाते है और संभोग करने लगते है।
  • ऊँट बिना अपने मुँह को ज़ख्मी किये कैकटस जैसे कंटीले पौधे और झाड़ियाँ खाने में सक्षम होते है।
  • इंसानों द्वारा लगभग 3000 BC में ड्रोमेडरी ऊँट को सोमालिया और दक्षिणी सऊदी अरब में पालतू बनाया गया। बैक्ट्रियन ऊँट को लगभग 2500 BC मध्य एशिया में पालतू बनाया गया।
  • जंगली बैक्ट्रियन ऊँट (Wild Bactrians Camel) ऊँटों की एकमात्र प्रजाति है, जिन्हें कभी भी पालतू नहीं बनाया गया है। वे पूर्वी एशिया (Eastern Asia) की बंजर भूमि में रहते है। ये प्रजाति पृथ्वी पर 1000 से भी कम संख्या में बची है।
  • लामा (Llama) ऊँट की तरह ही दिखता है। यदि आपको अंतर न पता हो, तो यह भ्रम पैदा कर सकता है। इनमें मुख्य अंतर यह है कि ऊँटों में हमेशा कम से कम एक कूबड़ अवश्य होता है, जबकि लामाओं में कूबड़ नहीं होता है। ऊँट आकर में भी ज्यादा बड़े होते है।
  • ऊँट (Camel) का प्रजनन काल 12 से 14 महीनों का होता है। मादा ऊँट सामान्यतः एक बार में केवल एक बच्चे को जन्म देती है। लेकिन कभी-कभी ऊँटों के जुड़वाँ बच्चे भी होते है।
  • बेबी ऊंट को ‘calves’ कहा जाता है। जन्म के उपरांत ‘calves’ का वजन 50 से 80 pound तक का होता है।
  • ऊँट के बच्चे जन्म के 30 मिनट के भीतर ही चलने में सक्षम हो जाते है। हालांकि इनके दो सप्ताह के होने तक इन्हें झुंड में शामिल नहीं किया जाता और मादा ऊँट सुरक्षित स्थान पर इनका पालन-पोषण करती है।
  • जब ऊँट पैदा होता है, तो उसका कूबड़ नहीं होता। जब वह ठोस खाने जितना बड़ा हो जाता है, तब उसमें कूबड़ (hump) बढ़ने लगता है।

Information About Camel in Hindi

  • मरूस्थलीय जनजातियाँ और मंगोलियन नोमड्स (mangolian nomads) ऊँटों के फ़र का इस्तेमाल कपड़े, टेंट, बेडिंग आदि बनाने में करते है।
  • 17वीं शताब्दी के बाद से ऊँट के फ़र का उपयोग वेस्टर्न गारमेंट्स बनाने में किया जाने लगा था। 19वीं शताब्दी के उपरांत ऊन के साथ ऊँट के फ़र का इस्तेमाल किया जाने लगा।
  • Arabian Peninsula में ऊँट के मूत्र (urin) का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं (त्वचा एवं बालों संबंधी समस्या, हेपेटाइटिस एवं लीवर की अन्य समास्या, दांतों और शरीर दर्द आदि) के निराकरण के लिए औषिधि के रूप में सदियों से किया जाता रहा है।
  • अरब संस्कृति में ऊँट धैर्य और सहनशीलता का प्रतीक है।
  • इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (International Union for Conservation of Nature) ने जंगली बैक्ट्रियन (Wild Bactrian) को गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजाति घोषित किया है। अफसोस की बात है कि इसकी आबादी अत्यधिक अपरिवर्तनीय स्थिति में घटी है। वाइल्ड कैमल प्रोटेक्शन फाउंडेशन (Wild Camel Protection Foundation) के अनुसार वर्तमान में 1,000 से भी कम वाइल्ड बैक्ट्रियन ऊँट पृथ्वी पर मौजूद है।
  • 1960 में भारत में ऊँटों की संख्या 1.1 मिलियन थी। लेकिन 1990 के बाद से इसमें गिरावट देखने को मिली। 2012 में भारत में ऊँटों की संख्या लगभग 4 लाख थी, जो वर्तमान (2019) में घटकर लगभग 2.5 लाख हो गई है।
  • भारत में लगभग 80% ऊँट राजस्थान में पाए जाते है। इसके अतिरिक्त गुजरात और हरियाणा में ऊँट बहुतायत में पाए जाते है।
  • वर्ष 2014 में ऊँट को राजस्थान का राजपशु घोषित किया गया।
  • हाइब्रिड ऊँट एक ड्रोमेडरी और एक बैक्ट्रियन ऊँट की cross-breed है। इस तरह के संकरण (hybridizations) अफगानिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, रूस और तुर्की के देशों में आम है। वे तेजी से परिपक्व संकर (fast-maturing hybrids) पैदा करते है, जो अपने माता-पिता की तुलना में बड़े, मजबूत और अधिक अनुकूलनीय होते है।
  • हाइब्रिड ऊँट 7.5 फीट तक की ऊँचाई तक और 2,200 पाउंड तक के वजन तक के हो सकते है।
  • मनुष्यों ने हजारों वर्षों से ऊँटों को परिवहन के साधन के रूप में उपयोग किया है। नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार ऊँट लगभग 375 से 600 lbs (170 से 270 किलोग्राम) तक का वजन अपनी पीठ पर ले जा सकते है। बोझ ढोने की इस क्षमता के कारण इसे एक उपनाम दिया – “रेगिस्तान के जहाज” (Desert Ship)।
  • गायों के दूध की तुलना में ऊँट के दूध में अधिक विटामिन सी और आयरन होता है और यह सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। Desert nomad tribes में ऊँट का दूध काफ़ी प्रचलित है। वे इसे एक संपूर्ण आहार मानते है और सिर्फ़ दूध पीकर एक माह तक रह सकते है।
  • अबू धाबी में आप ऊँट के शुद्ध दूध से बने मिल्कशेक का स्वाद ले सकते है।
  • प्राचीन काल में ऊँटों का उपयोग युद्ध में किया जाता था। प्राचीन यूनानी (Greeks), रोमन (Romans) और फारसी (Persians) लोग ऊँटों की सवारी करते थे। 20 वीं शताब्दी तक उनका उपयोग सवारी के रूप में किया जाता था।

Facts About Camel in Hindi

  • 1855 में अमेरिकी कांग्रेस ने युद्ध विभाग को 30,000 डॉलर के बजट का उपयोग कर ऊँट खरीदने की अनुमति दी थी। उन ऊँटों का इस्तेमाल कई वर्षों तक तब तक किया गया था, जब तक सैनिक उनके गुस्से और गंध से परेशान नहीं हो गए।
  • यूएई (UAE) में हर साल Al-Dhafra Camel Festival मनाया जाता है। यह एक लोकप्रिय सौंदर्य प्रतियोगिता है, जिसमें हजारों ऊँट खिताब के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करते है।
  • तुर्की (Turkey) में हर साल जनवरी माह में ऊँटों की एक कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। यह प्रतियोगिता प्राचीन समय से चली आ रही है। भले ही पशु अधिकार संगठन इस खेल से खुश नहीं है। इसके बाद भी निकट भविष्य में इसके रुकने के कोई संकेत अब तक नज़र नहीं आते।
  • ज्यादातर ऊँट आकार में इंसानों से काफ़ी बड़े होते है। सैन डिएगो चिड़ियाघर के अनुसार एक बैक्ट्रियन ऊँट (Bactrian camel) की कंधों तक की ऊँचाई 6 फीट और सिर तथा शरीर की लंबाई 10 फीट होती है। पूरी तरह से विकसित हो जाने पर उनका वजन 1,320 से 2,200 पाउंड (600 से 1,000 किग्रा) तक हो सकता है।
  • ऊँटों की सभी प्रजातियों में ड्रोमेडरी ऊँट आकार में सबसे बड़े होते है ये कंधे तक लगभग 6.5 फीट तक ऊँचे होते है। इनकी शारीरिक लंबाई 11.2 फीट होती है। इनका वजन 880 से 1,325 पाउंड (400 से 600 किग्रा) होता है।
  • ऊँट के कूबड़ में पानी जमा नहीं होता, बल्कि इसमें वसायुक्त ऊतक का जमाव होता है। यह शरीर के शेष हिस्सों में इंसुलेशन कम करता है। इस कारण गर्म रेगिस्तानी इलाकों में ऊँट जीवित रह पाते है।
  • 1758 में कार्ल लिनिअस (Carl Linnaeus) ने ड्रोमेडरी (Dromedary) और घरेलू बैक्ट्रियन (Domestic Bactrian) ऊँटों को यह नाम दिया था।
  • 1878 में निकोलाई प्रीजेवल्स्की (Nikolai Prejevalsky) ने जंगली वाइल्ड बैक्ट्रियन ऊँटों (Wild Bactrian Camels or Camelus ferus) की खोज की थी। यह ऊँटों की एक अलग ही प्रजाति है और वर्तमान में विलुप्ति की कगार पर है।
  • दुनिया में 14 मिलियन से अधिक ऊँट है, जिनमें से अधिकांश मध्य पूर्व (Middle East), एशिया (Asia) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) में पाए जाते है।
  • ऊँट जितने धीमे दिखते है, उतने होते नहीं है। वे 40 mph की गति से दौड़ सकते है। हालांकि वे यह गति बहुत लंबे समय तक बनाए नहीं रख सकते। वे 25 mph की गति तक आराम से चल सकते है।
  • दिन के समय ऊँट एक शरीर का तापमान 41°C होता है और रात के समय 34°C
  • ऊँटों को बहुत कम पसीना आता है। इस तरह ये अपने शरीर में जमा पानी का क्षय होने से रोकते है, जो मरूस्थलीय प्रदेशों में जीवन के लिए आवश्यक है।
  • अत्यधिक तापमान होने पर ऊँट शरीर का तापमान नियंत्रित करने पसीना बहाते है। ऊँट शरीर के भार का 25% पसीने के रूप में बहा सकते है। वहीं अन्य जीव शरीर के भार का 3-4% से अधिक पसीना बहा देने पर जीवित नहीं रह पाएंगे।
  • ऊँटों के बच्चे अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए वयस्क ऊँटों की तुलना में 50% अधिक पसीना बहाते है।
  • कभी-कभी ऊँट के बच्छड़े सफेद बालों के साथ पैदा होते है। जैसे जैसे वो बड़े होते है, वैसे वैसे उनके बाल भूरे रंग के हो जाते है।
  • ऊँट के पैर लम्बे इसलिए होते है, क्योंकि वे ऊँट को तपती हुई धरती से दूर रखने में सक्षम होते है।
  • अगर एक ऊँट का वज़न 40% से भी कम हो जाए, तो भी वो जीवित रहते है।
  • सर्दियों के मौसम में एक ऊँट 6-7 महीने तक बिना पानी के रह सकता है।
  • ऊंटों को “रेगिस्तान का जहाज” भी कहा जाता है क्योंकि उनका उपयोग रेगिस्तान में वस्तुओं को लाने और ले जाने के लिए किया जाता है।
  • ऊँट सामाजिक होते है। जब भी वे एक-दूसरे से मिलते है, तो सिर झुकाकर एक-दूसरे का अभिवादन करते है।
  • ऊँट हर रात लगभग 6 घंटे सोते है। ये खड़े-खड़े भी सो सकते है।

Facts About Camel For Kids

  • ऊँट लोगों पर थूकने के लिए जाने जाते है। वास्तव में ये थूक के साथ अपने पेट की सामग्री फेंकते है। वास्तव में खतरे के समय ये इनकी रक्षा की एक रणनीति है।
  • ऊँट विभिन्न प्रकार की आवाज़ें निकालते है। ये कराहते है, चीखते है और चिंघाड़ते है। ऊँटों की आवाज़ों में से एक का उपयोग स्टार वार्स फिल्मों (Star Wars Movies) के चरित्र Chewbacca को आवाज देने के लिए भी किया गया था।
  • लगभग 25 मिलियन साल पहले उत्तरी अमेरिका में ऊँटों की 2 प्रजातियाँ पुरानी दुनिया के ऊँट (Old World Camel) और नई दुनिया के ऊँट (New World Camel) बन गई थीं।
  • पुरानी दुनिया के ऊँटों की दो ज्ञात प्रजातियाँ है: 1) बैक्ट्रियन ऊँट या कैमलस बैक्ट्रियनस (Bactrian camels or Camelus bactrianus) – ये दो कूबड़ वाले ऊँट होते है, जो मध्य एशिया, विशेष रूप से मंगोलिया और चीन में पाए जाते है। 2) ड्रोमेडरी ऊँट या कैमलस ड्रोमेडेरियस (Dromedary camels or Camelus dromedarius) – ये एक कूबड़ वाले ऊँट होते है, जो उत्तरी अफ्रीका, अरब और मध्य पूर्व में पाए जाते है।
  • कैमल, मूलरूप से कैमेलिडी (Camelidae) का विकास लगभग 40-45 मिलियन वर्ष पूर्व उत्तरी अमेरिका में हुआ था।
  • नई दुनिया के ऊँटों की चार प्रजातियाँ है। 1) Llama 2) Alpaca 3) Guanaco और 4) Vicuna. ये सभी प्रजातियाँ Andean South America में पाई जाती है।
  • विश्व में पाए जाने वाले ऊँटों में 94% ऊँट एक कूबड़ वाले ड्रोमेडरी ऊँट है। वहीं लगभग 6% बैक्ट्रियन ऊँट है।
  • ऊँट का जीवन काल लगभग 40 से 50 वर्ष का होता है।
  • जब भोजन और पानी की उपलब्धता कम हो, तो ऊँट के कूबड़ का वसा पानी छोड़ता है, सिंगापुर विश्वविद्यालय के शोध के अनुसार 9.3 ग्राम वसा 1.13 ग्राम पानी छोड़ता है।
  • ऊँट समूह में रहना पसंद करते है। इनके समूह को ‘herd’ कहते है। झुंड नेतृत्व एक नर ऊँट करता है। जंगल में वे भोजन की तलाश में लगभग 30 के समूह में एक साथ यात्रा करते है।
  • ऊँट अपनी नासिका (nostrils) में जल वाष्प रोककर रख सकते है और आवश्यकता पड़ने पर उसे शरीर में वापस ला सकते है। बहुत अधिक रेत या हवा बहने पर उसे बचने के लिए ऊँट नासिका (nostrils) को बंद भी कर सकते है।
  • ऊँटों में अंडाकार लाल रक्त कोशिकाएं (oval-shaped red blood cells) होती है, जो पानी की कमी के समय रक्त-प्रवाह जारी रखने में मदद करती है।
  • ऊँट के पैरों में वास्तव में खुर नहीं होते। उसके हर उंगलियों पर कठोर नाखून होते है, जो खुर के समान प्रतीत होते है। ऊँट के चौड़े पैर दो भागों में विभाजित होते है और ये दोनों भाग अंदर की ओर जालीदार संरचना से जुड़े हुए होते है। चलते समय जब ऊँट अपना भार पैरों पर डालता है, तो वे फैलकर समतल हो जाते है। पैरों की इस विशिष्ट संरचना के कारण ऊँट आसानी से रेगिस्तान की रेत पर चल पाता है।
  • ऊँट के बच्चे अपनी माँ को मेमने की तरह “बा” ध्वनि से पुकारते है। माँ और बेबी ऊँट कई वर्षों तक एक साथ रहते है।
  • कजाकिस्तान में ऊँट के दूध का उपयोग तपेदिक जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। पश्चिमी दुनिया (Western world) में इसका इस्तेमाल इसलिए प्रारंभ नहीं हुआ है, क्योंकि सरकारों इसके परीक्षण के लिए पैसे नहीं खर्चती।
  • दुनिया का सबसे बड़ा भोजन भुना हुआ ऊँट (roasted camel) था। यह एक अरब शादी की दावत में परोसा गया था।
  • मध्य पूर्वी देशों (Middle Eastern countries) में कई लोग ऊँट खाते है। कूबड़ सबसे अच्छा और स्वादिष्ट हिस्सा माना जाता है। छोटे ऊँट बड़े ऊँटों की तुलना में स्वादिष्ट माने जाते है।
  • उत्तरी केन्या में ऊँट के रक्त को दूध में मिलाकर पिया जाता है। यह आयरन, विटामिन डी, नमक और मिनरल्स का अच्छा श्रोत माना जाता है।
  • राजस्थान में ऊँट की सवारी करते समय पत्नि को हमेशा पीछे और बहन-बेटी को आगे बैठाने की परंपरा है।
  • द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के दौरान जर्मन तोपवाहक अपने तोप ऊँट की लीद पर इस आशा में चलाते थे कि यह उनके लिए सौभाग्यशाली साबित होगा।
  • कैमल मोबाइल लाइब्रेरी (Camel Mobile Library) केन्या (Kenya) के लोगों तक साहित्य पहुँचाने का काम करती है। यहाँ ऊँटों का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में किताबें पहुँचाने में किया जाता है, जहाँ पुस्तकालय की सुविधा नहीं प्रदान की जा सकी है।
  • राजस्थान में अजमेर से 11 किलोमीटर दूर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पुष्कर में प्रतिवर्ष ‘पुष्कर मेले’ (Pushkar Fair) का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में ऊँटों की ख़रीदी-बिक्री होती है।
  • 27 मार्च 2015 को ‘Rajasthan Camel Prohibition of Slaughter And Regulation of Temporary Migration or Export Bill’ पास किया गया, जिसके तहत राजस्थान की सीमा से दूसरे राज्यों में ऊँटों के निर्यात और ऊँटों के मांस के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है।
  • अपने आप को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने के लिए, ये अपने चारों पैर को लात मारने के लिए इस्तेमाल करते है।
  • जब ऊँट मर जाते है या बूढ़े हो जाते है, तो उनके मांस को खाना और कपड़ा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • एक ऊँट का जीवन काल 40-50 साल तक का होता है।
  • ऊँट को पालकर, उन्हें सर्कस में लोगों के मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • एक ऊँट का मुँह दो भाग में बँटा हुआ है। इससे उसे अपने खाने को आराम से खाने की सुविधा मिलती है।
  • गाय की तरह, ऊँट भी अपने खाए हुए खाने को फिर से मुँह में लाकर चबा सकता है।
  • हरे पौधे खाने से, ऊँट को पानी का तत्व मिलता है।
  • ऊँट पर जो बाल होते है, वे धूप की किरणों को प्रतिबिम्बित कर देते है, जिसके कारण उनके शरीर में ठंडक कायम रहती है।
  • अरेबियन ऊंट के पीठ पर केवल एक कूबड़ होता है जबकि एशियाई ऊंटों के शरीर में दो कूबड़ होते है।
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