Information & 45 Facts About Lesser Florican in Hindi

Facts About Lesser Florican in Hindi - लेसर फ्लोरिकन भारत का एक दुर्लभ पक्षी है। लेसर फ्लोरिकन बस्टर्ड्स के टैक्सोनॉमिक परिवार, ओटिडिडे से आता है, जिसकी उत्पत्ति कम से कम 30 मिलियन वर्ष पहले हुई थी। लेसर फ्लोरिकन अपने जीनस, सिफियोटाइड्स का एकमात्र सदस्य है। लेसर फ्लोरिकन छोटा बस्टर्ड होता है और मादा नर से बड़ी होती है। नर फ्लोरिकन की लंबाई 45 सेंटीमीटर होती है, जबकि मादा की लंबाई 50 सेंटीमीटर होती है। नर पक्षी का वजन लगभग 450 ग्राम होता है। अगर आप लेसर फ्लोरिकन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें!
Florican Bird

खरमोर पक्षी से जुड़े रोचक तथ्य - Lesser Florican Facts in Hindi

  • खरमोर पक्षी कद में देखने में बड़ा होता है।
  • ये पक्षी की ऊंचाई करीबन 50 सेंटीमीटर होती है।
  • देखा जाये तो ये पक्षी ज्यादातर अपने साथी के साथ ही दिखने को मिलता है।
  • अगर हम इस पक्षी के वजन के बारे में बात करे तो खरमोर पक्षी का वजन करीबन 500 ग्राम से लेकर 2 किलोग्राम के बिच में होता है।
  • खरमोर पक्षी कश्मीर की वादियों से प्रजनन के लिए सैलाना आ जाते है। जुलाई के सुहाने मौसम में इनका आगमन शुरू होता है और अक्टूबर के अंत तक, यह बच्चों समेत उड़कर अपने घरों को लौट जाते है।
  • नर खरमोर मादा को आकर्षित करने के लिए तेज विशेष प्रकार की टर्र-टर्र की आवाज निकालता है और एक ही स्थान पर खड़े रहकर उछल-कूद करता है। उसकी आवाज और उछल-कूद की क्षमता मादा खरमोर को आकर्षित व प्रजन्न के लिए आमंत्रित करती है।
  • भारत में रतलाम, सरदारपुर सहित कई स्थानों पर खरमोर के अभयारण्य है।
  • नर और मादा बहुत कुछ एक से ही होते है। इसके सिर, गर्दन और नीचे का भाग काला और ऊपरी हिस्सा हलका सफेद और तीर सदृश काले चित्तियों से भरा रहता है। कान के पीछे कुछ पंख बढ़े हुए रहते है।

Lesser Florican Facts in Hindi - खरमोर पक्षी के बारे में जानकारी

  • प्रणय ऋतु में नर बहुत चमकीला काले रंग का हो जाता है और सिर पर एक सुंदर कलँगी निकल आती है।
  • मादा नर से कुछ बड़ी होती है। नर का जाड़ों में और मादा का पूरे वर्ष ऊपरी और बगल का भाग काले चिह्नों युक्त हलका बादामी रहता है।
  • खरमोर पक्षी का औसत जीवनकाल लगभग 10 से 12 साल का होता है।
  • खरमोर एक बड़े आकार का लम्बी टाँगों वाला भारतीय पक्षी है। इसे 'चीनीमोर' या 'केरमोर' भी कहते है।
  • यह मुख्यतः उत्तर-पश्चिमी महाराष्ट्र, नासिक, अहमदनगर से लेकर पश्चिमी घाट तक के भारतीय क्षेत्र में पाया जाता है किन्तु वर्षा ऋतु में यह मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात तक फैल जाता है।
  • इस पक्षी को ऊबड़ खाबड़ और झाड़ियों से भरे मैदान बहुत पसंद है। जाड़ों में इसे खेतों में भी देखा जा सकता है।
  • खरमोर का मुख्य भोजन घासपात, जंगली फल, पौधों की जड़ें, नए कल्ले एवं कीड़े मकोड़े है।
  • खरमोर के अन्य क्षेत्रीय नाम: (1) हिन्दी: लीख या लिख, छोटा चरत (2) गुजराती: खर मोर (3) मध्य प्रदेश: खर तीतर, भटकुकड़ी, भटतीतर (4) महाराष्ट्र: तन्नेर (5) पश्चिम बंगाल: छोटा डाहर, लिख (6) तमिलनाडु: वारागु कोझि (7) आन्ध्र प्रदेश: नेला नेमाली (8) केरल: चट्टा कोझि (9) कर्नाटक: चट्टा कोझि, कन्नौल (10) सिन्ध: खरमूर।

Information About Lesser Florican in Hindi

  • एक शताब्दी पहले तक खरमोर पूरे भारत में हिमालय से लेकर दक्षिण तट पर पाए जाते थे। घास के मैदानों में ही पाए जाने वाले खरमोर की संख्या अब धीरे-धीरे कम होने लगी है।
  • खरमोर के संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा इनाम भी दिया जाता है। इसके लिए आपके आसपास किसी क्षेत्र में खरमोर दिखाई देने पर तत्काल इसकी सूचना निकटतम वन कार्यालय पर देना है। साथ ही सूचना सही पाए जाने पर 1000 से 5000 रुपए तक का इनाम दिया जाएगा।
  • इस खरमोर पक्षी का वैज्ञानिक नाम Sypheotides Indicus है जबकि इस पक्षी का इंग्लिश नाम Lesser Florican है।
  • आपको जानकर हैरानी होगी की नर खरमोर मादा को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत तेज आवाजें निकालता है।
  • खरमोर पक्षी दिन के दौरान ही सक्रिय होता है और रात को आराम फ़रमाता है।
  • क्या आप जानते है कि खरमोर पक्षी की दो लंम्बी टांगे होती है और वो दो टांगे से ये पक्षी बड़ी तेज गती से दौड़ भी सकता है।
  • कभी कभार यह दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ पश्चिमी भागों तक भी पहुँच जाता है। पर भारत के बाहर यह पक्षी अनजाना है।
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