80+ Information & Facts About Owl in Hindi

Facts About Owls In Hindi: दोस्तों आज हम आपको उल्लू (Owl) के बारे में रोचक जानकारी देंगे। दोस्तों उल्लू एक अनोखा पक्षी है जिसे दिन की अपेखा राम में अधिक स्पष्ट दिखाई देता है। उल्लू लगभग संसार के सभी भागों में पाया जाता है। ये अपनी गर्दन को 180° पुरा घुमा सकता है। इसके कान बेहद संवेदनशील होते है। रात में जब इसका कोई शिकार (जानवर) थोड़ी सी भी हरकत करता है तो इसे पता चल जाता है और यह उसे दबोच लेता है। इसके पैरों में टेढ़े नाखूनों-वाली चार-चार अंगुलियां होती हैं जिससे इसे शिकार को दबोचने में विशेष सुविधा मिलती है। चूहे इसका विशेष भोजन है। तो चलिए अब हम उल्लू के बारे में कुछ रोचक तथ्य (Facts About Owls In Hindi) जानते है।
80+ Information & Facts About Owl in Hindi

उल्लू से जुड़े रोचक तथ्य और जानकारी - Facts About Owls In Hindi

  • दुनिया के सबसे छोटे उल्लू, कैक्टस में पाए जाते है।
  • उल्लू के बहुत्त ही कम प्रकार, दिन के समय में जगे रहते है।
  • कई सारे किसान, उल्लू की मदद से अपने फसल की सुरक्षा करते है। इनकी मदद लेना किसानों के लिए बहुत ही सस्ता पड़ता है, लेकिन कई बार कुछ उल्लू इसके कारण मर जाते है।
  • बहुत साल पहले, उल्लू राजाओं के जीत का एक प्रतीक हुआ करते थे।
  • क्या आप जानते है उल्लू के समूह को पार्लियामेंट कहा जाता है।
  • उल्लू आसानी से 100 फीट तक देख सकता है।
  • उत्तर- उल्लू का वजन जितना होता है उसके वजन का 5% उसकी आंखें होती है जिसके कारण बड़ी मात्रा में प्रकाश उसकी आंखों में प्रवेश करता है इसलिए वह दिन में नहीं देख पाता है इसकी आंखें चौंधिया जाती है सूर्य की रोशनी के कारण।
  • उल्लू किसी भी वस्तु का 3d image देख सकता है। यानी ये किसी वस्तु की लम्बाई, चौड़ाई और ऊँचाई। तीनों देख सकता है।
  • धरती का जो सबसे छोटा उल्लू है उसमें सिर्फ 31 ग्राम वजन है, ‘ELF’ नाम का यह उल्लू 5 इंच लंबा है।
  • धरती का जो सबसे बड़ा उल्लू है उसके पंख 5 फीट लंबे है। ‘Great Horned’ नाम के इस उल्लू का वजन 2.5 किलो तक हो सकता है।
  • UK में आप उल्लू को पाल सकते है लेकिन USA में नही, और भारत में इसका शिकार करना भी गैरकानूनी है।
  • धरती पर 6 करोड़ साल पुराने उल्लू के जीवाश्म पाए गए है।
  • उल्लू प्राचीन समय से ही पाॅपुलर है, फ्रांस में 30,000 साल पुरानी पेंटिंग पर उल्लू छपा हुआ मिला है।
  • उल्लू उड़ते समय बिल्कुल भी आवाज नही करता। क्योंकि इनके पंख का ऊपरी हिस्सा एक मुलायम छाल से बना होता है जो आवाज को अपने अंदर सोखता है और इसके पंख हवा को अपने अंदर से गुजरने देते है तो जब हवा टकराएगी ही नही तो आवाज कैसे होगी।

उल्लू के बारे में रोचक तथ्य - Facts About Owls In Hindi

  • ये पक्षी कभी झुंड में नहीं रहते। ये अकेले रहना पसंद करते है।
  • उल्लू बहुत कम अपने खुद का घोंसला बनाता है। ये ज़्यादातर दूसरे पक्षियों के छोड़े हुए घोंसले को अपनाते है।
  • उल्लू लगभग 1-14 अंडे देते है।
  • चील जैसे पक्षी, उल्लू पर हमला करते है।
  • कुछ उल्लू को विलुप्त होने का खतरा है।
  • उल्लू इंसानो से 10 गुना धीमी आवाज भी सुन सकते है और किसी भी दिशा में अपने कानों को सुनने के लिए घुमा सकता है। ये रात के अंधेरे में अपने शिकार को देखकर नही बल्कि उसकी आवाज सुनकर पकड़ते है।
  • उल्लू दिन में नही बल्कि रात में जागता है।
  • उल्लू की आंखे उसके दिमाग जितनी बड़ी होती है, जो कभी हिलती नही है बल्कि एक जगह फिक्स रहती है।
  • उल्लू के पंजे 135 kg per square inch का force लगा सकते है जो एक तगड़ी इंसानी बाइट के बराबर है।
  • उल्लूओं के समूह को ‘Parliament’ कहा जाता है।
  • अपने रंग के कारण, उल्लू अक्सर अपने वातावरण में ऐसे मिल जाते है, कि वे हमें आसानी से दिखते नहीं है।
  • कुछ उल्लू के चेहरे, दिल के आकार का होता है।
  • एक उल्लू की आँखें हिलती नहीं है। इसलिए, उसके शिकार से उसका ध्यान नहीं हटता है।
  • कुछ उल्लू अन्य दूसरे उल्लू के ही शिकार करते है।
  • दुनिया का सबसे बड़ा उल्लू लगभग 32 इंच लम्बा है।

Facts About Owls For Kids In Hindi

  • उल्लू का दाम दीपावली में 20 गुना बढ़ जाता है क्योंकि यह लक्ष्मी का वाहन माना जाता है जिससे लोग इसे खरीदते है।
  • चीन में अगर उल्लू को कोई देख लेता है तो ऐसा समझा जाता है कि जिसने देखा है उसका कोई अपना मरने वाला है
  • ऐसी भी मान्यता है कि अगर उल्लू किसान के खेत के कोने में रहने लगे तो उसकी फसलें चौगुना हो जाती है
  • साउथ अफ्रीका में उल्लू के बोलते ही लोग ऐसा समझते है कि किसी की मृत्यु होने वाली है।
  • यदि रात के प्रथम पहर में कोई उल्लू पेड़ पर पूर्व दिशा की ओर बैठकर बोलता है तो यह किसान के लिए बहुत लाभदायक है।
  • उल्लू अलग-अलग प्रकार के आवाज़ निकालते है। उनमें से कुछ बहुत ही डरावने होते है।
  • फिल्मों में उल्लू डरावने चीज़ों का प्रतीक होता है।
  • लेकिन इसके साथ ही, उल्लू मौत जैसे दुख फैलाने वाली बातों का भी प्रतीक हुआ करते थे।
  • अगर किसी उल्लू को इंसानों पर गुस्सा आ जाए, तो वो उन पर हमला कर देता है।
  • उल्लू मांसाहारी जानवर होते है। वे पत्ते और पौधे नहीं खाते है।
  • शायद आपको यह नहीं पता होगा कि मादा उल्लू नर उल्लू से अधिक रंगीन होते है।
  • उल्लू और पक्षियों की अपेक्षा बेहद शांत पक्षी है। यह अकेला रहना पसंद करता है। एक बात और भी है कि उल्लू रात में देख नहीं सकता इसलिए यह अकेला रहता है।
  • उल्लू अक्सर मकौड़ियों का और अन्य पक्षियों का शिकार करते है।
  • कुछ उल्लू मच्छलियों का भी शिकार करते है।
  • उल्लू ही एकमात्र ऐसा पक्षी है जो नीले रंग को देख सकता है।
  • उल्लू एक साल में 1000 चूहें खा जाता है।
  • उल्लू अपनी गर्दन को 270° तक घुमा सकता है। दोनों तरफ 135°। इसका मतलब यदि आप इसके पीछे भी खड़े हो तो भी यह आपको बिना शरीर हिलाए सिर्फ गर्दन घुमाकर देख सकता है।

Information About Owls In Hindi

  • उल्लू अपने ताकतवर बच्चे को पहले खाना खिलाते है और कमजोर को बाद में।
  • क्या आप जानते हो कि उल्लू हिन्दू देवी ‘लक्ष्मी’ का वाहन है।
  • धरती पर उल्लूओं की 200 से ज्यादा किस्में मौजूद है, ये अंटार्कटिका को छोड़कर पूरी दुनिया में पाए जाते है।
  • उल्लू, चूहे, सांप, गिलहरी, मछली से लेकर दूसरे उल्लूओं तक को खा जाते है। ये लगभग 30 साल जीते है।
  • उल्लू दाँत नही होते तो ये अपने खाने को चबाते नही, बल्कि सीधे ही निगल जाते है।
  • उल्लू बहुत महंगा होता है। भारत में उल्लू की कीमत लगभग 60,000 रूपए है। क्योंकि उल्लू का उपयोग बहुत जगह होता है। जैसे इसके सिर के ऊपर की छाल काला जादू में इस्तेमाल की जाती है और इसके शरीर के कई अंग दवाइयाँ बनाने में भी काम आते है और आजकल तो मलेशिया जैसे देशों मे उल्लू का मांस खाने की आदत भी चल पड़ी है।
  • उल्लू को दिन में धुंधला और रात में साफ दिखाई देता है।
  • हम आपको बता दें कि उल्लू 12 महीनों में 1000 चूहों से अधिक चूहे खा सकता है।
  • उल्लू अपना शिकार अपने शिकार की आवाज को पहचान कर करता है ना कि उसे देख कर।
  • उल्लू अपने शिकार को अपने पंजों से पकड़ता है क्योंकि उसके नाखून बहुत नुकीले होते है जिससे अपने शिकार को फाड़ देता है।
  • उल्लू अधिक मछलियां खाते है क्योंकि इनको मछलियां बेहद पसंद है और मजबूरी में यह सांप और चूहे कभी-कभी खाते है।
  • उल्लू अपने से दूर की चीज़ों को सफाई से देख पाता है। पास की चीज़ें उसे ठीक से नहीं दिखती।
  • दूसरे पक्षियों से, उल्लू सबसे शांत साबित होता है।
  • कुछ उल्लू अपने शिकार के हड्डियों को भी नहीं छोड़ते है। वे उसे भी खा जाते है।
  • एक उल्लू के सुनने की क्षमता बहुत ही अद्भुत होती है। वो अपने शिकार को पत्तों के, गंदगी के, पौधों के, और बर्फ के नीचे से भी सुन सकता है। इसका कारण है, उनके कान अलग-अलग आकार के होना।
  • उल्लू के पैरों में दो उंगलियाँ आगे की दिशा में होतीं है, और दो उंगलियाँ पीछे की दिशा में।
  • एक उल्लू के पैर पर बहुत सारे पर लगे रहते है। इससे वे साँप से सुर्क्षित रहते है।
  • इनकी चोंच बहुत ही छोटी होती है।
  • भारत में उल्लुओं की लगभग 33 प्रजातियाँ पाई जाती है।

चित्तीदार उल्लू के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Facts About Spotted Owlet in Hindi

  • यह प्रजाति निशाचर है लेकिन कभी-कभी दिन में देखी जाती है। अपने दिन के समय से परेशान होने पर, वे अपना सिर घुमाते है और घुसपैठियों को घूरते है।
  • चित्तीदार उल्लू की आवाज बहुत ही कठोर है, इसकी आवाज चि-चि-चिरुर के साथ शुरू होती है और चिरवाक-चिरवाक के साथ खत्म होती है। यह ज्यादातर सूर्यास्त और सूर्योदय के समय पर आवाज निकालता है।
  • Spotted Owlet का प्रजनन काल नवम्बर में आता है जिसमे एक मादा कई सारे नर के साथ सहवास करती है। सहवास के बाद 3 से 4 अंडे देती है।
  • चित्तीदार उल्लू की तरह पूर्णतः निशाचर नहीं है क्योंकि यह दिन में भी बहार निकलता है।
  • चित्तीदार उल्लू की ऊंचाई करीब 8 से 9 इंच होती है। इसका उपरी हिस्सा भूरे रंग का होता है, वही इसकी आंख पीले रंग की होती है।
  • यह छोटे जीव-जन्तु, कीड़े, बिच्छू और कभी-कभी साँप को भी खाता है।
  • आज भारत में  Spotted Owlet की संख्या 800 से भी कम है वही Forest Spotted Owlet की संख्या तो लगभग विलुप्त ही हो गई है।Spotted Owlet दिखने में उल्लू जैसा ही होता है पर यह उल्लू से छोटा होता है और इसकी चोंच उल्लू से बहुत ज्यादा मुड़ी हुई होती है।
  • यह प्रजाति श्रीलंका में नहीं पाई जाती है, हालांकि भारतीय मुख्य भूमि पर पक्षी रामेश्वरम के सिरे पर भी पाए जाते है।
  • यह विभिन्न प्रकार के कीड़ों और छोटे कशेरुकियों का शिकार करता है। पाकिस्तान में वे ज्यादातर कीटों का शिकार करते पाए गए है।
  • यह पक्षी पुरे एशिया में पाया जाता था। जो खुले मैदान, जंगल और इमारत में रहना पसंद करता था।
  • प्रारंभिक अवस्था में इनके चूजों का वजन बढ़ जाता है लेकिन भाग जाने से पहले वजन कम हो जाता है। केवल एक या दो चूजे ही भाग सकते है और वे लगभग एक महीने में घोंसला छोड़ देते है।
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