Information & 50 Facts About Hubble Telescope in Hindi

Facts About Hubble Telescope - हम आपको हबल स्पेस टेलीस्कोप के बारे में नवीनतम और सबसे सटीक तथ्य प्रदान करने जा रहे हैं। तथ्यों के साथ-साथ, आपको हबल की कुछ शानदार तस्वीरें और इसके बारे में अतिरिक्त संसाधन देखने को मिलेंगे।
नीचे हबल स्पेस टेलीस्कोप के तथ्य आपको यह समझने में मदद करेंगे कि यह टेलीस्कोप क्या है, टेलीस्कोप का उपयोग कैसे किया जाता है, हबल स्पेस टेलीस्कोप को किसने बनाया और इसके बारे में अन्य उपयोगी तथ्य। हम आशा करते हैं कि हबल स्पेस टेलीस्कोप के बारे में नीचे दिए गए तथ्य सहायक होंगे और अंतरिक्ष में आपकी कल्पना को खोलते हुए शोध को मज़ेदार बनाएंगे।
Hubble Telescope

हबल टेलिस्कोप से जुड़े कुछ रोचक तथ्य - Hubble Telescope Facts in Hindi

  • Hubble Telescope में 2.4 मीटर का लेंस है।
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि कोई भी नया सर्विसिंग मिशन ना भेजने की सूरत में भी हबल दूरबीन वर्ष 2030 से 2040 के बीच तक काम करती रहेगी।
  • पृथ्वी की सतह से 568 किलोमीटर दूर हबल दूरबीन 95.47 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेती है और हर रोज़ 10 से 15 GB तक के data जितने आंकड़े भेज देती है।
  • 11 टन वजनी हबल दूरबीन की लंबाई 13.2 मीटर और अधिकतम व्यास (diameter) 4.2 मीटर है।
  • हबल का कम्प्यूटर सिस्‍टम 1980 के दशक का है। कम्प्यूटर में 4 मेमोरी मॉड्यूल है, लेकिन दूरबीन को चलाने के लिए 1 की ही जरूरत है।
  • हबल दूरबीन का नामकरण आधुनिक खगोल विज्ञान के पितामह एडवीन हबल के नाम पर हुआ था जिन्होंने 1920 के दशक में हमारी अपनी आकाशगंगा के परे अनगिनत आकाशगंगाओं के अस्तित्व के बारे में बताया था। इसके सिवाए उन्होंने पृथ्वी पर कई बड़ी दूरबीनें भी बनाई थी जिनसे अंतरिक्ष में देखा जा सके।
  • हबल अंतरिक्ष दूरबीन को पहले वर्ष 1983 में लांच करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन तकनीकी कमियों और बजट की समस्या के कारण इसमें सात साल की देरी हो गई।
  • मिशन पर उस समय 161 करोड़ डॉलर की लागत आई थी। 1990 के 161 करोड़ डॉलर आज के 302 करोड़ डॉलर के बराबर है, यानि कि 19,000 करोड़ भारतीय रुपयों के बराबर।

Information About Hubble Telescope in Hindi

  • वर्ष 1990 में दूरबीन लांच करने के बाद वैज्ञानिकों को इसकी कुछ बड़ी गलतियों के बारे में पता लगा, जिससे 161 करोड़ डॉलर का यह मिशन खतरे में आ गया था।
  • हबल दूरबीन अब तक गैलेक्सी, तारे और अन्य खगोलीय पिंडो की 7 लाख से भी ज्यादा तस्वीर भेज चूका है। इस तरह हबल दूरबीन की वजह से हमे ब्रह्मांड को जानने में सहायता मिली है।
  • हबल दूरबीन का नाम अमेरिका के खलोग वैज्ञानिक “एडविन हबल” से लिया गया था। ब्रह्मांड में उनके द्वारा की गई खोज की मदद से उनको सन्मान के रूप में यह नाम दिया गया था। उन्होंने ने ही सन 1920 में पूरी दुनिया को बताया था की हमारी आकाशगंगा के बहार भी अनगिनत आकाशगंगाए मोजूद है।
  • ब्रह्मांड की आयु हबल दूरबीन की खोज से पहेले 10 से 20 अरब होने का अनुमान लगाया जाता था लेकिन हबल दूरबीन की मदद से ब्रह्मांड की आयु 13.7 अरब है यह पता चला।
  • सौभाग्य से हबल दूरदर्शी को इस हिसाब से तैयार किया गया था कि कोई खराबी आने पर इसकी सर्विस की जा सके। वैज्ञानिकों ने ऐसा ही किया, उन्होंने 1993 में अंतरिक्ष में जाकर इस दूरबीन को ठीक कर दिया, जिससे करोड़ो डॉलर बर्बाद होने से बच गए।
  • हबल दूरबीन में कुछ पुर्जों के सिवा जो सबसे बड़ी समस्या आई थी, वो थी इसके मुख्य दर्पण का ठीक ना होना। दरासल मुख्य दर्पण को ज्यादा पॉलिश कर दिया गया था, जिसकी वजह से वो समतल हो गया। जाहिर था कि दूरबीन का फोकस ठीक ना होने की वजह से वो साफ चित्र नहीं भेज सकती थी।
  • हबल को ठीक करने का पहला मिशन 11 दिन तक चला था। जिसमें अलग-अलग वैज्ञानिक 35 घंटे 28 मिनट अंतरिक्ष में यान से बाहर रहे और इस दूरबीन को ठीक किया।
  • हबल दूरबीन को इस तरह से तैयार किया गया है कि यदि इसमें कोई खराबी आए तो अंतरिक्ष में जाकर इसको ठीक किया जा सके। ऐसा ही सन 1993 में हुआ था।

Facts About Hubble Telescope in Hindi

  • हबल दूरबीन द्वारा देखि गई सबसे निकट की चीज हमारा चाँद है।
  • हबल दूरबीन के कारन ही हमको पता चला की हर बड़ी आकाशगंगा के केंद्र में एक ब्लैक होल है।
  • हबल दूरबीन द्वारा खिंची गई सबसे पहेली तस्वीर Cluster Star की थी जो हबल से 1300 प्रकाश वर्ष की दुरी पर था पर वो तस्वीर Black and white थी।
  • हबल टेलिस्कोप को रंगीन तस्वीर भेजने में बहोत ज्यादा समय नहीं लगा था। उसने सन 1991 में जुपिटर की साफ तस्वीर भेजी थी।
  • हबल दूरदर्शी को NASA ने युरोपियन स्पेस एजेंसी की सहायता से तैयार किया था। लेकिन इसे जिस अंतरिक्ष यान (Space Shuttle) डिस्कवरी द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था, वो पूरी तरह से NASA का तैयार किया हुआ था।
  • मिशन खतरे में आ जाने की वजह से यह उस समय मज़ाक का विषय बन गया था और इसकी तुलना ‘टाइटैनिक’ जैसे हादसों से की जाने लगी थी। इस पर कई तरह की comedy भी होने लगी थी।
  • हबल दूरबीन पर अब तक कुल 5 सर्विसिंग मिशन भेजे जा चुके है। पहला 1993 में और आखरी मई 2009 में। इसकी एक सर्विसिंग पर लगभग 50 करोड़ डॉलर की लागत आई थी।
  • हबल दूरदर्शी की मुरंमत करने के लिए मई 2009 के बाद कोई नया सर्विसिंग मिशन इसलिए नहीं भेजा गया क्योंकि वैज्ञानिक मई 2020 में इससे बड़ी खगोलिय दूरदर्शी लांच करने वाले है, जिसका नाम होगा – James Webb Space Telescope.
  • हबल ने अपने 30 साल से ज्यादा के कार्यकाल में 1,75,200 से ज्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की है।
  • यह दूरबीन पृथ्वी की तस्वीरें नहीं ले सकती क्योंकि पृथ्वी के नज़दीक इसकी परिक्रमा तेज़ी से होने के कारण यह इसके camera के exposure time से बाहर है।
  • अंतरिक्ष में दूरबीन स्थापित करने का विचार सबसे पहले Lyman Spitzer ने 1946 में दिया था जिन्होंने एक लेख लिखकर ऐसी दूरबीन के लाभ बताए थे।
  • हबल दूरबीन एक तरह का खगोलीय दूरबीन है जिसको ब्रह्मांड के बारे में ज्यादा जानकारियां प्राप्त करने के लिए बनाया गया था।
  • इसको 24 अप्रैल 1990 में अंतरिक्ष में पृथ्वी से करीब 568 किलोमीटर की दुरी पर तैनात किया गया था। इस दूरबीन को NASA ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी की सहायता से तैयार किया था।
  • हबल टेलिस्कोप की वजह से ही सन 2006 में प्लूटो को एक बौना ग्रह घोषित किया गया था।
  • हबल दूरबीन की मदद से खगोल वैज्ञनिको ने अब तक 13 हजार से भी ज्यादा जर्नल आर्टिकल Publish किए है।
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