100+ Unknown Facts About Swan in Hindi

दोस्तों आज हम आपको इस पोस्ट में एक ऐसे पक्षी के बारे बताएंगे जिसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है वो पक्षी है हंस (Swan)। भारतीय साहित्य में इसे बहुत विवेकी पक्षी माना जाता है। और ऐसा विश्वास है कि यह नीर-क्षीर विवेक (पानी और दूध को अलग करने वाला विवेक) से युक्त है। यह विद्या की देवी सरस्वती का वाहन है। ऐसी मान्यता है कि यह मानसरोवर में रहते हैं। यह पानी मे रहता है। यह एक दुर्लभ जीव है। तो चलिए अब हम आपको इस पक्षी के बारे में कुछ रोचक तथ्य और बातें (Unbelievable Facts About Swan In Hindi) बताते है।
[100+] Amazing Unknown Facts About Swan In Hindi

हंस के बारे में रोचक जानकारी – Facts About Swan in Hindi

  • हंस पक्षी तैरते हुए ही सो जाता है। इससे हंस को कोई दिक्कत नही होती है।
  • इनके शरीर पर 25,000 से भी अधिक पंख होते हैं।
  • हंस बाढ़ वाले घास के मैदान, झीलों, तालाबों, नदियों, नालों और आर्द्रभूमि में पाए जाते हैं।
  • हंस पक्षी की चोंच का रंग उसकी प्रजाति के अनुसार अलग अलग होती है। चोंच काली, पीली, लाल रंगों में होती है।
  • काली गर्दन वाला हंस दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है।
  • हंस का जीवनकाल (Lifespan of swan) लगभग 20 से 30 साल तक होता हैं। हालांकि प्रजाति अनुसार हंस के जीवनकाल में विविधताएं मौजूद होती हैं।
  • दुनिया में हंसों की 6 विभिन्न प्रजातियाँ हैं : 1. जिन्हें ब्लैक-नेक्ड स्वान (Black-necked Swan) 2. ब्लैक स्वान (Black Swan) 3. म्यूट स्वान (Mute Swan) 4. ट्रम्पेटर स्वान (Trumpeter Swan) 5. टुंड्रा स्वान (Tundra Swan), जिसमें बेविक हंस (Bewick’s Swan) और व्हिस्लिंग स्वान (Whistling Swan) भी सम्मिलित है और 6. हूपर हंस (Whooper Swan).
  • हंस पक्षी दिखने में शांत होते हैं और पानी पर बहुत ही धीरे-धीरे तैरते हैं लेकिन हवा में ये 60 मील प्रति घंटे (95 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ़्तार से उड़ सकते हैं।
  • हंस की गर्दन बगुले की तरह लम्बी और सुराहीदार होती है।
  • हिंदू धर्म में हंस को मारना अर्थात पिता, देवता और गुरु को मारने के समान माना जाता है।
  • आध्यात्मिक दृष्टि मनुष्य के नी: स्वास मैं ‘ हं ‘ और स्वास में ‘ स’ ध्वनि सुनाई पड़ती है।
  • एक रिसर्च के अनुसार इनके बीच तलाक होने की सम्भावना केवल 6% होती है।
  • इनकी काले गर्दन वाली नस्ल भी होती है, जो की दक्षिण-अमेरिकी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
  • अगर अण्डों की बात करें तो उन्हें सेने के लिए इन्हें 35-45 दिन लगते हैं।
  • इस पक्षी की याददाश्त बहुत तेज़ होती है।
  • हंस पक्षी का मुंह छोटा होता है जिसमें दांत नही होते। यह वैसे तो मनुष्य को नुकसान नही पहुँचाता है लेकिन इसके अंडों को नुकसान करने पर काट सकता है।
  • हंस (Swan Bird) के पैर की बनावट कुछ इस तरह की होती है कि ये आसानी से पानी पर तैर लेते है। पैर छोटे झिल्ली युक्त होते है।
  • हंस पक्षी को प्यार और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
  • भारतीय साहित्य में इसे बहुत विवेकी पक्षी माना जाता है।
  • नर हंस को केवल हंस कहते है जबकि मादा हंस को हंसिनी कहते है।

Interesting Information About Swan in Hindi

  • एक साथ कई सारे हंस जब समूह में उड़ते हैं। तो वह एक वी-आकार में उड़ते हैं।
  • हंस को रोटी खिलाने से बचना चाहिए यह उनके पाचन तंत्र के लिए अच्छा नहीं होता। आप उन्हें सलाद, कटा हुआ अंगूर, बिना पका हुआ जई खिला सकते हैं।
  • हंस शिकारियों या किसी भी जानवर से अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। किसी दुश्मन या शिकारी को डराने के बाद, वे अपने पंख फड़फड़ाते हैं और इस जश्न में एक-दूसरे को बुलाते हैं।
  • लेकिन कई बार यह भी देखा गया है इनके बीच तलाक भी हो जाता है और इसके बाद या जीवनसाथी की मौत हो जाने पर वे आगे की जिन्दगी के लिए दूसरा साथी ढूंढ लेते हैं।
  • सन 2001 में, एक हंस ने आयरलैंड में एक का व्यक्ति पैर भी तोड़ दिया था। इससे पता चलता है की ये पक्षी कितने आक्रामक हो सकते हैं।
  • हंस की एक प्रजाति ओर है, जिसे कोस्कोरोबा हंस (Coscoroba Swan) कहा जाता है। लेकिन इस प्रजाति को अब हंस नहीं माना जाता।
  • हंस गीज़ (geese) और बत्तख (ducks) से करीबी रूप से संबंधित होते है।
  • हंस उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के दोनों किनारों पर पाये जाते हैं।
  • उत्तरी हंस (northern swan) सफ़ेद रंग के होते हैं। उनकी चोंच नारंगी रंग की होती हैं।
  • हिंदू धर्म में माँ सरस्वती का वाहन हंस है, माँ सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है।
  • मादा हंस अपनी पूरी उम्र प्रजनन करने में सक्षम होती हैं अपने जीवनकाल में कई बार अंडे दे सकते हैं।
  • हंस अपने बच्चे की देखभाल लगभग 6 महीने तक करती है। 6 माह में हंस के बच्चे पर्याप्त समझदार हो जाते हैं और वे अपना भोजन स्वयम ढूंढ लेते हैं।
  • हंस आमतौर पर समशीतोष्ण वातावरण (temperate environments) में पाए जाते हैं। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (tropics) में ये नहीं पाए जाते।
  • हंस जलपक्षी परिवार (waterfowl family) एनाटिडे (Anatidae) के सबसे बड़े सदस्य हैं और सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक हैं।
  • काले हंस (Black swans) मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में पाए जाते हैं।
  • यूरोपीय खोजकर्ताओं के ऑस्ट्रेलिया पहुँचने के पहले माना जाता था कि सभी हंस सफेद रंग के होते हैं. 1636 में डच नाविक एंटोनी कैन (Antounie Caen) ने सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के काले हंसों (Black swans) को देखा था।
  • दक्षिणी हंस (southern swan) का रंग सफेद और काले रंग का मिश्रण होता है। इनकी चोंच लाल, नारंगी या काले रंग की होती है।
  • यह पक्षी अपना ज्यादातर समय मानसरोवर में ही बिताते हैं इसके अलावा भी किसी एकांत झील या समुद्र के किनारे में भी समय बिताना पसंद करता है।
  • नर हंस को एक “cob” कहा जाता है और एक मादा हंस को एक “pen” कहा जाता है।
  • हंस के बच्चे को “cygnet” कहा जाता है।

हंस के बारे में दिलचस्प जानकारी – Unknown Swan Facts in Hindi

  • जंगली हंसों (Wild Swan) के समूह को ‘herd” कहा जाता है।
  • चिड़ियाघर में रखे जाने वाले हंसों के समूह को “fleet” कहा जाता है।
  • हंस 95 किमी/घंटा (60 मील प्रति घंटे) तक की रफ़्तार से उड़ सकते हैं। हालांकि उनकी समान्य रफ़्तार 30 से 50 किमी/घंटा (19 – 31 मील प्रति घंटे) है।
  • जुलाई-अगस्त माह में हंस अपने पंख झड़ा देते हैं। इस दौरान वे 6 सप्ताह तक उड़ने में असमर्थ होते हैं। 6 सप्ताह बाद पंख आ जाने पर यह फिर से उड़ने में सक्षम हो पाते हैं।
  • उत्तरी अमेरिका के सबसे बड़े हंस ट्रम्पेटर हंस (trumpeter swan) का जंगल में जीवन काल औसतन 24 साल होता है, वहीं चिड़ियाघर में 33 वर्ष।
  • यह एक ग़लतफ़हमी है कि हंस काटते हैं, क्योंकि हंस के दांत नहीं होते। पर ये अपनी चोंच मारते हैं, जो त्वचा में कुछ जलन पैदा कर सकती है।
  • हंस जमीन और पानी दोनों पर सो सकते हैं। वह एक पैर पर खड़े होकर जमीन पर सोते हैं।
  • काले हंस (Black Swans) एक पैर से तैरते हैं।
  • हंस मुख्य रूप से जलीय वनस्पतियों खाते हैं। नदी तल पर उगने वाले पौधों को खाने में उनकी लंबी गर्दन सहायक होती हैं। इसके अलावा वे वनस्पति से चिपके रहने वाले छोटे जीव जैसे मोलस्क (molluscs), छोटी मछलियाँ, मेंढक और कीड़ों को भी खाते हैं।
  • हंसों की बड़ी प्रजातियाँ जैसे म्यूट हंस (mute swan), ट्रम्पेटर हंस (trumpeter swan) और हूपर हंस (whooper swan) 1.5 मीटर (59 इंच) की लंबाई और 15 किलोग्राम (33 पाउंड) तक के वजन तक के हो सकती हैं। उनके पंख 3.1 मीटर (10 फीट) से अधिक के हो सकते हैं।
  • हंस की आवाज़ तेज, गहरी, सुरीली, तुरही (trumpet) जैसी होती है। कभी-कभी यह फुफकारने जैसी आवाज़ भी निकालते हैं।
  • म्यूट हंस (mute swan) और टुंड्रा हंस (tundra swan) का जीवनकाल औसतन 19 से 20 साल तक रहता है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के काले हंस (black swans) का जंगल में जीवनकाल औसतन 40 वर्ष होता है।
  • म्यूट हंस (Mute Swan) की रीढ़ की हड्डी में 23 जोड़ होते हैं, जो दुनिया के किसी भी पक्षी की तुलना में सबसे ज्यादा है।
  • 6 माह का होने तक हंस अपने बच्चे की देखभाल करते हैं. अपना आहार ढूंढने में सक्षम हो जाने पर वे उसे छोड़ देते हैं।
  • हंस बहुत ही क्रोधी होते हैं, खासकर जब वे अपने अंडों या शिशुओं की रक्षा कर रहे होते हैं। उनके क्षेत्र में प्रवेश करने वाले दुसरे पक्षियों, कुत्तों या इंसानों पर भी हमला कर देते हैं।
  • आपने “दो हंसों का जोड़ा” कहते हुए किसी न किसी को जरुर सुना होगा, दरअसल दो हंसों के जोड़े को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि यह पक्षी अपने जीवनसाथी से बहुत प्रेम करते हैं और पूरी जिंदगीभर एक दुसरे का साथ देने की कोशिश करते हैं।
  • हंस एक बुद्धिमान पक्षी हैं। वे याद रहते हैं कि कौन उनके प्रति दयालु रहा है, कौन नहीं।
  • इंग्लैंड की महारानी इंग्लैंड और वेल्स में सभी म्यूट हंस (mute swan) की मालकिन हैं।
  • हंसों से डर को साइग्नोफोबिया (Cygnophobia) या किकोनोफोबिया (Kiknophobia) कहा जाता है।
  • हंस का मुख्य शिकारी मानव है, जो मांस और पंख के लिए उनका शिकार करता है। हंस के अन्य शिकारियों में भेड़िये, रेकून और लोमड़ी शामिल हैं, जो हंस और उनके अण्डों दोनों का शिकार करते हैं।

Amazing Facts About Swan in Hindi

  • हंस पानी मे तैरते हुए अक्सर दिख जाते है। हंस अपना ज्यादातर समय पानी में बिताते है। यह उन चुनिंदा पक्षियों में आते है जो पानी पर तैरते है। इस पक्षी को जलचर पक्षी भी कहते है।
  • हंस एशिया, यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में पाये जाते है। भारत में भी हंस मिलते है। अफ्रीका महाद्वीप में हंस नही पाया जाता है।
  • युवा हंस 4 वर्ष का होने तक अन्य युवा हंसों के साथ झुंड में रहता है। 4 वर्ष का होने पर वह व्यस्क माना जाता है और यौन परिपक्वता प्राप्त कर लेता है। तब वह एक साथी की तलाश करता है और उसके साथ एक अलग क्षेत्र में रहने चला जाता है।
  • वैसे तो हंस एक शांत पक्षी माना जाता है। लेकिन वे अपने घोंसलों और बच्चों की रक्षा के लिए आक्रामक भी हो सकते हैं।
  • हंस जलस्रोतों के किनारे टहनियों और पत्तियों से जमीन पर घोंसले का निर्माण करते हैं।
  • हंस की अलग-अलग प्रजातियाँ दुनिया के लगभग हर क्षेत्र में पाए जाती हैं। लेकिन अफ्रीका और अंटार्कटिका ऐसी जगहें हैं जहाँ ये पक्षी नहीं पाए जाते।
  • हंस जोड़े में रहने वाला पक्षी है। मादा के साथ एक बार बनाया जोड़ा हमेशा रहता है। इसलिए इसको प्रेम का प्रतीक भी कहते है। हंस मरते दम तक साथ रहते है।
  • हंस का स्वभाव शांत होता है। यह शांति से पानी पर तैरता रहता है। हंस शर्मीला भी होता है।
  • हंस पक्षी का रंग काला और सफेद होता है। सफेद रंग के हंस आमतौर पर भारत में ही मिल जाते है।
  • नर और मादा हंस एक दूसरे की चोंच को टच करते है। इससे दिल के आकार की आकृति बनती है।
  • यह जीव बहुत ही कम उम्र लगभग 3-4 साल के होते हैं। तब से ही प्रजनन करना शुरू कर देते हैं।
  • मादा हंस अंडे घोंसले में देती है। यह एक बार में करीब 4 से 8 अंडे देती है। इनका घोंसला तालाबों के किनारे पर झाड़ियों में होता है।
  • मादा ही अंडों को सेहने का कार्य करती है। वह अंडों पर तब तक बैठती है, जब तक अंडों से बच्चे बाहर नही आ जाते है। करीब 40 दिन तक सेहने के बाद बच्चे निकलते है। मादा और बच्चे के लिए भोजन का इंतज़ाम नर हंस करता है। बच्चे करीब 6 माह तक मादा के पास ही रहते है।
  • हंस पर साहित्य में कई कविताऐ लिखी गयी है। कई हिंदी फिल्मी गीतों में हंस का जिक्र आता है। हंस को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।
  • इस पक्षी को दांपत्य जीवन के लिए आदर्श माना जाता है।
  • जब कोई व्यक्ति सिद्ध हो जाता है, तब उसे कहते हैं कि इसने हंस पद प्राप्त कर लिया है।
  • हंस सबसे बड़े उड़ने वाले पक्षियों में से एक हैं। इनका वजन 15 किलो तक भी हो सकता है।
  • एक नर हंस का आकार और वजन मादा हंस की तुलना में अधिक होता है
  • क्या आपको पता है की हंस इस दुनिया के सबसे वफादार प्राणियों में से एक हैं।
  • आपने सफेद हंस तो जरुर देखा होगा, लेकिन क्या आपको पता है की हंस काले रंग का भी होता है जो की ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं।
  • कुल मिलाकर हंस पक्षियों की 6 अलग-अलग प्रजातियां हैं।
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