100+ Unbelievable Facts About Moon In Hindi

Facts About Moon in Hindi - दोस्तों क्या आप जानते है कि जिस चंद्रमा को आप बचपन से देखते आ रहे हो, उसका जन्म कैसे हुआ है। अगर नहीं तो आज मैं आपको चंद्रमा से जुड़े कुछ रोचक और मजेदार तथ्यों (Amazing & Unbelievable Facts About Moon In Hindi) के बारे में जानकारी दूंगा।
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह सौर मंडल का पाचवाँ, सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। इसका आकार क्रिकेट बॉल की तरह गोल है और यह खुद से नहीं चमकता बल्कि यह तो सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। अगर आप चंद्रमा के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।

[100+] Amazing & Unbelievable Facts About Moon In Hindi

Interesting Facts About Moon In Hindi - चंद्रमा के बारे में रोचक तथ्य

  • चांद धरती के आकार का केवल 27% ही है।
  • चाँद का क्षेत्रफल अफ्रीका के क्षेत्रफल के बराबर है।
  • चंद्रमा का आकार देखने में गोल लगता हैं, लेकिन इसका आकार गोल नही है। बल्कि यह अंडे के आकार का है।
  • चंद्रमा 2300 मील/घंटे (3700 किलोमीटर/घंटे) की औसत गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है।
  • पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा की पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण शक्ति की क्रियाशीलता के कारण सागरीय जल में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है।
  • चंद्रमा पर कदम दूसरा कदम बज़ एड्रियन (Buzz Adrian) ने रखा था, जो 1969 में अपोलो-11 मिशन पर नील आर्मस्ट्रांग के साथी थे।
  • चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति कम है। किसी भी तरह का वायुमंडल का न होने का मतलब है कि सौर वायु और उल्कापिंड के आने का खतरा लगातार बना रहता है।
  • चाँद पर पानी भारत की खोज है। भारत से पहले भी कई वैज्ञानिको का मानना था कि चांद पर पानी होगा परन्तु किसी ने खोजा नहीं था।
  • चंद्रमा पर कदम रखने वाले अंतिम व्यक्ति 1972 में अपोलो-17 मिशन पर गए जीन सर्नन (Gene Cernan) थे।
  • 1969 से 1972 तक चंद्रमा पर 6 मानवयुक्त यान भेजे गए। 1972 के उपरांत चंद्रमा पर मानव रहित अंतरिक्ष यान ही भेजे गए हैं।
  • Mans Huygons चाँद की सबसे ऊँची चोटी है। इसकी लंम्बाई लगभग 4700 मीटर है।
  • पृथ्वी का परिभ्रमण करने के दौरान चंद्रमा की विभिन्न प्रावस्थाएँ, जो पृथ्वी, चंद्रमा तथा सूर्य की सापेक्ष स्थिति में होने वाले परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होती हैं। चंद्रमा की इन्हीं प्रावस्थाओं को नवचंद्र, पूर्णचंद्र आदि की संज्ञा दी जाती है।
  • पृथ्वी के मध्य से चन्द्रमा के मध्य तक कि दूरी 384, 403 किलोमीटर है।
  • चाँद का वजन लगभग 81,00,00,00,000 (81 अरब) टन है।
  • चाँद का क्षेत्रफल (Moon Area) अफ्रीका के क्षेत्रफल के बराबर है।

Chandrama Ke Bare Mein Rochak Jankari - चंद्रमा के बारे में रोचक जानकारी और तथ्य

  • टेलीस्कोप से चंद्रमा जिस तरह का दिखाई पड़ता है, उसका मानचित्र ब्रिटिश खगोलशास्त्री थॉमस हैरियट (Thomas Harriot) द्वारा सबसे पहले बनाया गया था।
  • नील आर्मस्ट्रांग जब पहली बार चांद पर चले थे, तो उनके पास Wright Brothers के पहले हवाई जहाज का एक टुकड़ा था।
  • चंद्रमा (Moon) पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। सौरमंडल के 181 उपग्रहों में यह पांचवा सबसे बड़ा उपग्रह है। सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह ब्रहस्पति का Ganymede है, जो दो ग्रहों प्लूटो (Pluto) और बुध (Mercury) से भी बड़ा है।
  • नील आर्मस्ट्रोग ने चाँद पर जब अपना पहला कदम रखा तो उससे जो निशान चाँद की जमीन पर बना वह अब तक है और अगले कुछ लाखों सालो तक ऐसा ही रहेगा। क्योंकि चांद पर हवा नहीं है।
  • खबरों के मुताबिक 1950 में अमेरिका ने चांद को एटम बम से उड़ाने की योजना बनाई थी। अमेरिका के सैन्य अधिकारियों ने यह सनसनीखेज़ योजना अपने धुर विरोधी रूस को अपनी ताकत से खौफ़जदा करने के लिए रची जब दोनों देशों के बीच शीत युद्ध अपने चरम पर था।
  • चंद्रमा पर झंडा फ़हराने वाला भारत विश्व का चौथा देश है। इसरो (ISRO) एक चन्द्र-अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत भारत ने चंद्रमा पर अपना पहला अंतरिक्ष यान “चंद्रयान-1” (Chandrayaan-1) भेजा था। यह एक मानवरहित यान था, जिसे 12 अक्टूबर 2008 में भेजा गया था। चंद्रयान ऑर्बिटर मून इम्पैक्ट प्रोब (MIP) 14 नवंबर 2008 को चंद्रमा की सतह पर उतरा था। “चंद्रयान-1” (Chandrayaan-1) का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के नक़्शे, पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था। इसका कार्यकाल 2 वर्ष का था। लेकिन नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूटने की वजह से इसे 1 वर्ष में ही बंद कर दिया गया था।
  • धरती से अगर चांद गायब हो जाए तो पृथ्वी पर दिन महज छह घंटे के लिए होगा।
  • चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी से कम होती है। अगर आंकड़ों में बात की जाए तो चांद पर इंसान का वजन 16.5% कम होता है। यही कारण है कि चांद पर अंतरिक्ष यात्री ज्यादा उछलकूद कर सकते हैं।
  • खबरों के मुताबिक 1950 में अमेरिका ने चांद को एटम बम से उड़ाने की योजना बनाई थी। अमेरिका के सैन्य अधिकारियों ने यह सनसनीखेज़ योजना अपने धुर विरोधी रूस को अपनी ताकत से खौफ़जदा करने के लिए रची जब दोनों देशों के बीच शीत युद्ध अपने चरम पर था।
  • अगर आप अपने इंटरनेट की स्पीड से खुश नहीं हैं। तो आप चांद का रुख कर सकते है। जी हां, नासा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए चांद पर वाई-फाई कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई है जिसकी 19 एमबीपीएस की स्पीड बेहद हैरतअंगेज है।
  • चंद्रमा की सतह पर धूल का गुबार सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पर मंडराता रहता है। इसका असली कारण अभी तक पता नहीं चल सका है।
  • चंद्रमा पर मनुष्य द्वारा छोडे गए 96 बैग ऐसे है जिनमें मल, मूत्र और उल्टी है।
  • “चंद्रयान-2” (Chandrayaan-2) 14 जुलाई 2019 में लांच किया गया। लेकिन तकनीकी ख़राबी एक कारण लांच के 56 मिनट पहले ही इसे बंद कर दिया गया। 22 जुलाई 2019 में इसे पुनः लांच किया गया। 6 सितंबर 2019 को लगभग 1.53 बजे इसका संपर्क इसरो के नियंत्रण कक्ष से टूट गया। इसका चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊँचाई पर होने का अनुमान है।
  • चांद पर करीब 1 लाख 81 हजार 400 किलो का मानव निर्मित मलबा पड़ा हुआ है जिसमें 70 से अधिक अंतरिक्ष यान और दुर्घटनाग्रस्त कृत्रिम उपग्रह भी शमिल हैं।
  • अगर आप का वजन धरती पर 60 किलो है तो चाँद की low gravity की वजह से चाँद पर आपका वजन 10 किलो ही होगा।

Unbelievable Facts About Moon In Hindi

  • अभी तक जिन उपग्रहों के घनत्व ज्ञात हैं, उनमें Moon दूसरा सबसे अधिक घनत्व वाला उपग्रह है। पहले स्थान पर बृहस्पति का उपग्रह आता है।
  • पृथ्वी पर अगर चंद्र ग्रहण लगा है तो चांद पर सूर्य ग्रहण होगा।
  • चांद धरती के आकार का सिर्फ 27% हिस्सा ही है।
  • पूरा चाँद आधे चाँद से 9 गुना ज्यादा चमकदार होता है।
  • जब सारे अपोलो अंतरिक्ष यान चाँद से वापिस आए तब वह कुल मिलाकर 296 चट्टानों के टुकड़े लेकर आए जिनका द्रव्यमान (वजन) 382 किलो था।
  • चाँद धरती के ईर्ध-गिर्द घूमते समय अपना सिर्फ एक हिस्सा ही धरती की तरह रखता है। इसलिए चाँद का दूसरा हिस्सा आज तक धरती से किसी मनुष्य ने नहीं देखा। हालाँकि बाकि हिस्से का फोटो लिया जा चूका हैं।
  • जिन उपग्रहों के घनत्व ज्ञात हैं, उनमें चंद्रमा दूसरा सबसे अधिक घनत्व वाला उपग्रह है। पहले स्थान पर बृहस्पति का उपग्रह आयो (Io) है।
  • चंद्रमा को पृथ्वी का परिक्रमा करने में 27.3 दिन का समय लगता है।
  • अमेरिकी सरकार ने चांद पर आदमी भेजने और ओसामा बिन लादेन को ढूंढने में बराबर टाइम और पैसा खर्च किया : 10 साल और 100 बिलियन US$.
  • Apollo-11 यान का चंद्रमा लैंडिग के समय बनाया गया Original टेप मिट गया था। यह गलती से दोबारा इस्तेमाल कर लिया था।
  • यह आश्चर्यजनक हो सकता है। लेकिन चांद की सतह पर बेहद अस्थिर और हल्का वायुमंडल मौजूद है। चांद पर पानी भी तरल नहीं बल्कि सॉलिड फॉर्म में मौजूद है। नासा के एलएडीईई प्रोजेक्ट के मुताबिक यह हीलियम, नीयोन और ऑर्गन गैसों से बना हुआ है।
  • चंद्रमा पृथ्वी से हर साल 3.78 सेमी दूर होता जा रहा है और अगले 50 अरब साल तक ऐसा ही होता रहेगा। ऐसा होने पर चांद पृथ्वी की परिक्रमा करने में 47 दिन लगाएगा।
  • अपने बैग और एक अमेरिकन झंडे के अलावा एपोलो 11 के अंतरिक्ष यात्री चांद की धरती पर कुछ यादगार निशानी भी छोड़ गए थे।
  • चंद्रमा से आसमान नीला नहीं बल्कि काला दिखायी देता है। क्योंकि वहां प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं है।
  • 2 जनवरी 1959 में सोवियत संघ द्वारा लांच किया गया मानव रहित यान लूना-1 पहला अंतरिक्ष यान था, जो चंद्रमा की सतह के करीब से गुजरा था। तकनीकी खामियों के कारण यह चंद्रमा की सतह पर लैंड नहीं कर पाया, बल्कि 5995 किलोमीटर दूर से गुजर गया। लूना परियोजना के अंतर्गत छोड़ा गया दूसरा याह लूना-2 सफ़लतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर पहुँचा (13 सितंबर 1959).

Interesting Unknown Facts About Moon In Hindi

  • चंद्रमा का व्यास 3476 किमी है, जो पृथ्वी के व्यास का लगभग 1/4 है। चंद्रमा का आकार बृहस्पति (Jupiter) और शनि (Saturn) के उपग्रहों से भी बहुत छोटा है।
  • हालांकि चंद्रमा रात में चमकता दिखाई पड़ता है। लेकिन उसका स्वयं का कोई प्रकाश नहीं होता। वह सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है।
  • चंद्रमा का स्वयं का कोई प्रकाश नहीं होता। वह सूर्य के प्रकाश का परावर्तन करता है। यह प्रकाश पृथ्वी तक पहुँचने में 1.3 सेकंड लगते हैं।
  • चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का मात्र छठा हिस्सा है। इसका अर्थ यह हुआ कि चंद्रमा की सतह पर किसी व्यक्ति का भार पृथ्वी की तुलना में 1/6 (16.5%) होगा। वजन कम महसूस होने के कारण चंद्रमा पर कोई भी व्यक्ति बहुत ऊँची छलांग लगा सकता है।
  • चंद्रमा दिन के समय अत्यंत गर्म और रात में अत्यंत ठंडा होता है। यहाँ दिन का औसत तापमान 134 डिग्री सेल्सियस और रात का -153 डिग्री सेल्सियस रहता है।
  • पृथ्वी से देखने पर सूर्य और चंद्रमा दोनों एक ही आकार के दिखाई पड़ते हैं। लेकिन वास्तव में चंद्रमा सूर्य से 400 गुना छोटा है। सूर्य की तुलना में पृथ्वी से 400 गुना करीब होने के कारण चंद्रमा आकार में सूर्य जितना प्रतीत होता है।
  • हमेशा चंद्रमा का एक ही भाग पृथ्वी के सामने होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रमा के अपने अक्ष पर घूर्णन की अवधि और पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा की अवधि एकसमान है। हम हमेशा चंद्रमा का 50% भाग ही देख पाते हैं।
  • चंद्रमा का क्षेत्रफल अफ्रीका के क्षेत्रफल के बराबर है।
  • चंद्रमा की सतह से पृथ्वी को देखने पर यह अपने मूल आकार से 4 गुना अधिक बड़ी दिखाई पड़ती है। साथ ही यह पूर्णिमा के चाँद की तुलना में 45 से 100 गुना अधिक चमकदार भी दिखाई पड़ती है।
  • चंद्रमा की ही गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण पृथ्वी (Earth) के सागरीय जल में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है।
  • चंद्रग्रहण वह खगोलीय स्थिति है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं, तब चंद्रग्रहण पड़ता है। जब पृथ्वी पर चंद्रग्रहण होता है, तब चंद्रमा पर सूर्यग्रहण होता है।
  • जब अंतरिक्ष यात्री एलन सैपर्ड चांद पर थे तब उन्होंने एक golf ball को hit मारा जोकि तकरीबन 800 मीटर दूर तक गई।
  • चन्द्रमा 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और थीया (मार्स के आकार का तत्व) के बीच हुए भीषण टकराव के बाद बचे हुए अवशेषों के मलबे से बना था।
  • पृथ्वी पर आने वाले भूकंपों (earthquakes) की तरह चंद्रमा की सतह पर भी कंपन होता है, जिसे moonquakes कहा जाता हैं। Moonquakes आने का कारण पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षणीय प्रभाव है। पृथ्वी पर आने वाले भूकंप की अवधि कुछ ही मिनट की होती है। लेकिन चंद्रमा पर moonquakes आधे से एक घंटे तक आ सकता है।
  • चाँद के दिन का तापमान 180 डिगरी सेलसीयस तक पहुँच जाता है। जब कि रात का -153 डिगरी सेलसीयस तक।
  • यह जानकर हैरानी होगी कि आपके मोबाइल फोन में अपोलो 11 यान के चंद्रमा लैंडिग के समय यूज किये गए कंप्यूटर की तुलना में अधिक कंप्यूटिंग शक्ति है।
  • चंद्रमा पर बनने वाले इंद्रधनुष को चंद्र-इन्द्रधनुष कहा जाता है। Moonbows का निर्माण चंद्रमा की सतह द्वारा प्रकाश परावर्तित करने के फलस्वरूप होता है। नग्न आँखों के लिए यह प्रकाश बहुत धुंधला होता है, इसलिए moonbows सफेद दिखाई पड़ते हैं।
  • चंद्रमा की सतह के गड्ढो के नाम वैज्ञानिक, अविष्कारक, कलाकार या खोजकर्ताओं के नाम पर रखे जाते हैं। इसकी शुरूवात 1645 में ब्रुसेल्स के एक इंजीनियर माइकल वैन लैंग्रेन ने की थी।
  • पिछले 41 साल से चांद पर कोई आदमी नहीं गया है और अब तक मात्र 12 लोग चाँद पर गए हैं।
  • चंद्रमा की फोटो में अपने कही-कही गड्डे देखे होंगे। ये गड्डे चंद्रमा की सतह से टकराने वाले क्षुद्रग्रह और धूमकेतु के कारण बने हैं।
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